दिव्यांगों को रोजगार देने के लिए ला ग्रेविटी को कल मिलेगा ‘हेलेन केल्लर’ पुरस्कार

दिव्यांग युवाओं को रोजगार देने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए शहर की संस्था ला ग्रेविटी को देश के प्रतिष्ठित सम्मान हेलेन केल्लर अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। 3 दिसंबर इंटरनेशनल डिसेबिलिटी डे (अंतराष्ट्रीय विकलांगता दिवस) पर नई दिल्ली में नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन अॉफ इम्प्लायमेंट फॉर डिसएबल्ड पीपुल (एनसीपीईडीपी) की ओर से होने वाले सम्मान समारोह में ला ग्रेविटी के अविनाश दुग्गर को सम्मानित किया जाएगा। दुग्गर ने कहा- मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी इस छोटी सी पहल को यह पुरस्कार मिलेगा। निश्चित रूप से यह पुरस्कार दिव्यांगों के लिए किए जा रहे कार्य के लिए प्रेरणा बनेगा व मैं और दोगुने उत्साह के साथ अपने मिशन को आगे बढ़ाउंगा। बकौल दुग्गर, जुलाई 2016 में जब मैंने दिव्यांगों को लेकर ला ग्रेविटी की शुरुआत की तो सोचा नहीं था कि तीन साल में मेरे काम को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जाएगा। देश के सार्वजनिक क्षेत्र में दिव्यांग का रोजगार प्रतिशत केवल 0.54 फीसदी है। निजी क्षेत्र में तो और भी खराब स्थिति है। निजी क्षेत्र में दिव्यांग का रोजगार प्रतिशत 0.28 फीसदी जबकि मल्टीनेशनल में केवल 0.05 फीसदी है। ये आंकड़े गवाह है कि देश में दिव्यांगों के प्रति हमारा नजरिया कितना नकारात्मक है। मैंने ऐसे युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए यह कैफे खोला, जो पूरी तरह से दिव्यांगों द्वारा संचालित है। फूड एवं बेवरेज बनाने के साथ ही उसे सर्व करने का पूरा काम दिव्यांग ही करते हैं। उनके कई दिव्यांग युवाओं ने अमेरिका में हुए समर ओलंपिक में पदक जीता है। झारखंड के दिव्यांग युवाओं को दक्ष बनाने के लिए हमारी कोशिश जारी है। इसके लिए रांची समेत दूसरे शहरों में भी ऐसे कैफे खोलने की योजना है, जो पूरी तरह से दिव्यांगों द्वारा संचालित हो। इन कैफे को खोलने के लिए राज्य सरकार से भी बात हो रही है।